Wednesday, September 30, 2020

उसे याद तो मेरी आती होगी !


 

गुस्से में जब वो होती होगीबात किसी से न करती होगी
बैठ कर अकेले वो
 गाने सुनती होगी 
तब शायद  उसे मेरी  याद आती होगी 

अमरूद जब  खाती होगी, आईने में खुद  को जब वो सवारती होती  
उस पेन से जब  लिखती होगी, मेरी कॉपी को  जब वो  पढ़ती होगी 
तब शायद  उसे मेरी  याद आती होगी 

 

टैकनोलजी में जब फंसती होगी, घड़ी हाथ में जब वो देखती होगी 
अरे हिंदी में इसे ऐसे लिखते यह किसी को  समझाती होगी 
तब शायद उसे मेरी याद आती होगी

 

उस सहेली से वो मिलती तो होगी , जो मेरे बारे में जानती तो होगी
उससे वो  पूछती तो होगी , की क्या हुआ उस कवि मित्र का 
तो तुम चुप रहती होगी 
तब शायद उसे  मेरी याद आती होगी 

 दिन रात जो  मुझ से बाते  किया करती थी वो ,भाभी को किस्से मेरे सुनाया करती थी वो,
अब जो वो  दूर फ़ोन से खाली खाली रहती होगी,
 तो भाभी पूछती तो होगी की क्या हुआ जी
 बहाने जब वो बनाया करती होगी ,
तब शायद  उसे मेरी  याद आती होगी  
तब  मेरी याद आती होगी

 गौरव कुमार खेड़ावत