पापा
लड़खड़ाते पैर तो उंगलियां थाम लेते है पापा
भटक ना जाए हम इसलिए हाथ थाम लेते है पापा
हा माना की कुछ सख्त से होते है पापा
फिर भी बिना कहे हर ख्वाहिश को पूरा करते है पापा
गौरव
मनमोहित सी अप्सराएँ स्वयं चाँदनी स्वर्ण प्रतिमा पृथ्वी पर आ पहुंची है, यह लड़कियाँ !! जाल फेंकती अपने माया रूप यौवन का फिर हँसती हँसती आखे...
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June 17, 2018 Gaurav Kumar Khedawat
Nice line bro
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