पहली बार
मुस्काते जुल्फ़े लहराते देखा था उसे पहली बार
क़ातिल क़यामत यू रूप की रानी वो कामदेव की
कामिया कुमारी से चेहरा देखा था पहली बार
साँसे थमी धड़कने रुकी जब चली वो
विश्व सुंदरी सी चाल मधुबाला से गाल
शकुंतला की आवाज में बोली "May I come in"पहली बार
वो साँसे रुकी हुई आँखे फ़र्ज अदा कर रही थी देखने का
"Hello"बोल बैठ कर मेरे पास घायल किया था पहली बार
मेहँदी वाले उस हाथो से यू हाथ मिला कर
शायद हुआ था पहली नजर में पहले प्यार
पहला अहसास हुआ पहली बार
गौरव कुमार खेड़ावत

Wooooooowww yrrr
ReplyDeleteWahha wahha kya baat h.... 😊 😊 😊Jnab tusi great ho .. 😊 😊 😊
ReplyDeleteDhanyavad aapka
Deleteसुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ सुन्दर रचना पर बधाई.... शब्दों का कोई जवाब नहीं
ReplyDeleteDhanyavad aapka
Deletenice gaurav...
ReplyDeleteShukriya
Deletenice gaurav...
ReplyDeleteShukriya
DeleteSuperb
ReplyDeleteThanxxxx
DeleteAwesome
Deleteधन्यवाद
DeleteNice Poem bro
ReplyDeletethanks bro
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